विभिन्न प्रकार की पट्टियाँ और उनका उपयोग (Use of Different Types of Bandages)

चोट लगना जीवन का एक अभिन्न अंग है, चाहे वह खेल के मैदान में हो, घर पर हो या सड़क पर। ऐसे समय में, प्राथमिक उपचार का ज्ञान होना और विशेष रूप से पट्टियों का सही उपयोग करना अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है। पट्टियाँ न केवल रक्तस्राव को नियंत्रित करने में मदद करती हैं, बल्कि घाव को संक्रमण से भी बचाती हैं और उपचार प्रक्रिया को तेज करने में सहायता करती हैं। सही ढंग से पट्टी बांधने से घाव जल्दी भरता है और गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है।  

यह लेख विभिन्न प्रकार की पट्टियों, उनके उपयोग और उन्हें कैसे लगाया जाए, इस बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेगा।

पट्टियों के प्रकार

पट्टियाँ विभिन्न प्रकार की होती हैं, प्रत्येक का अपना विशिष्ट उपयोग होता है। यहाँ कुछ सामान्य प्रकार की पट्टियाँ दी गई हैं:

  • रोलर पट्टियाँ: ये पट्टियाँ कपास या गौज से बनी होती हैं और विभिन्न चौड़ाई में आती हैं, जिनमें 1/2 इंच से लेकर 6 इंच तक शामिल हैं। ये टखनों, घुटनों, कलाई और कोहनी जैसी चोटों के लिए आदर्श हैं। रोलर पट्टियों का उपयोग ड्रेसिंग को 제자리 पर रखने, घायल अंगों को सहारा देने और रक्तस्राव को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। विभिन्न आकार की रोलर पट्टियों के विशिष्ट उपयोग इस प्रकार हैं:
    • 1/2 इंच: हाथों की उंगलियों के लिए।
    • 2 इंच: हाथों के लिए।
    • 3 इंच: फोरआर्म, निचले पैर और पैर के लिए।
    • 4 इंच और 6 इंच: जांघ और छाती के लिए।  
  • त्रिकोणीय पट्टियाँ: ये पट्टियाँ त्रिकोणीय आकार की होती हैं और आमतौर पर कपड़े से बनी होती हैं। इन्हें स्लिंग के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, बड़े ड्रेसिंग को सुरक्षित करने के लिए या घायल अंग को स्थिर करने के लिए।  
  • चिपकने वाली पट्टियाँ: ये पट्टियाँ पहले से ही चिपकने वाली होती हैं और छोटे कट और खरोंच के लिए आदर्श होती हैं।  
  • लोचदार पट्टियाँ (क्रेप पट्टियाँ): ये पट्टियाँ खिंचाव वाली सामग्री से बनी होती हैं और मोच और खिंचाव के लिए सहायता प्रदान करने के लिए उपयोग की जाती हैं। ये सूजन को कम करने और रक्त परिसंचरण में सुधार करने में भी मदद करती हैं। लोचदार पट्टियाँ विभिन्न आकारों में आती हैं और चोट के स्थान के अनुसार सही आकार का उपयोग करना महत्वपूर्ण है।
    • छोटी पट्टियाँ (7.5×450 सेमी): ऊपरी अंगों के लिए।
    • मध्यम पट्टियाँ (10×450 सेमी): घुटनों के लिए।
    • बड़ी पट्टियाँ (15×450 सेमी): जांघों के लिए। लोचदार पट्टियाँ सुबह उठने से पहले बांधनी चाहिए ताकि शिरापरक रक्त को बाहर निकाला जा सके और पट्टी का अधिकतम लाभ मिल सके।  
  • ट्यूबलर पट्टियाँ: ये पट्टियाँ ट्यूब के आकार की होती हैं और उंगलियों और पैर की उंगलियों जैसी जगहों पर पट्टी बांधने के लिए उपयोग की जाती हैं।  
  • गैर-चिपकने वाली पट्टियाँ: ये पट्टियाँ घाव से चिपकती नहीं हैं और जलने या त्वचा की अन्य संवेदनशील स्थितियों के लिए आदर्श होती हैं।  
  • जालीदार पट्टियाँ: ये पट्टियाँ एक जालीदार पैटर्न में बुनी जाती हैं और हवा को घाव तक पहुँचने देती हैं, जिससे उपचार प्रक्रिया में मदद मिलती है।  

इसके अलावा, स्लिंग्स, स्प्लिंट्स और बाइंडर का भी प्राथमिक उपचार में महत्वपूर्ण स्थान है।  

  • स्लिंग्स: घायल अंग को सहारा देने और उसकी गति को प्रतिबंधित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • स्प्लिंट्स: टूटी हुई हड्डी को स्थिर करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • बाइंडर: रक्तस्राव को रोकने के लिए शरीर के अंग के रक्त परिसंचरण को रोकने के लिए उपयोग किया जाता है।  

पट्टियों का उपयोग

पट्टियों का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:

  • रक्तस्राव को नियंत्रित करना: पट्टियाँ घाव पर दबाव डालकर रक्तस्राव को रोकने में मदद करती हैं।  
  • घाव को ढकना और उसकी रक्षा करना: पट्टियाँ घाव को गंदगी, धूल और बैक्टीरिया से बचाने में मदद करती हैं, जिससे संक्रमण का खतरा कम होता है।  
  • सूजन को कम करना: कुछ पट्टियाँ, जैसे लोचदार पट्टियाँ, सूजन को कम करने में मदद करती हैं।  
  • दर्द को कम करना: पट्टियाँ घायल क्षेत्र को सहारा देकर और स्थिर करके दर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं।  
  • घायल अंग को स्थिर करना: पट्टियों का उपयोग टूटी हुई हड्डियों या मोच वाले जोड़ों को स्थिर करने के लिए किया जा सकता है।  

पट्टी बांधने के लिए प्राथमिक उपचार सिद्धांत

पट्टी बांधते समय कुछ महत्वपूर्ण प्राथमिक उपचार सिद्धांतों का पालन करना आवश्यक है:

  • सुरक्षा: सबसे पहले, अपनी और घायल व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करें। घटनास्थल का आकलन करें और किसी भी खतरे को दूर करें।  
  • घायल व्यक्ति को आश्वस्त करें: घायल व्यक्ति को शांत करें और उन्हें बताएं कि आप उनकी मदद करने के लिए क्या करने जा रहे हैं।  
  • रक्तस्राव को नियंत्रित करें: यदि रक्तस्राव हो रहा है, तो उसे रोकने के लिए तुरंत कदम उठाएं।  
  • घाव को साफ करें: पट्टी बांधने से पहले घाव को साफ पानी और साबुन से धोएं।  
  • सही पट्टी का उपयोग करें: चोट के प्रकार के लिए सही पट्टी का उपयोग करें।  
  • पट्टी को ठीक से लगाएं: पट्टी को बहुत कसकर या बहुत ढीला न बाँधें।  
  • परिसंचरण की जाँच करें: पट्टी बांधने के बाद, सुनिश्चित करें कि रक्त प्रवाह सामान्य है। उंगलियों या पैर की उंगलियों को दबाकर देखें कि क्या रंग जल्दी वापस आता है।  
  • घायल अंग को स्थिर रखें: पट्टी बांधते समय घायल अंग को स्थिर रखें।  
  • संक्रमण को रोकें: घाव को छूने से पहले अपने हाथों को धोएं या दस्ताने पहनें।  
  • बेहोश मरीज की मदद: यदि घायल व्यक्ति बेहोश है, तो उनकी सांस लेने और नाड़ी की जांच करें। यदि आवश्यक हो, तो सीपीआर शुरू करें और तुरंत चिकित्सा सहायता लें।  
  • चिकित्सा सहायता लें: यदि चोट गंभीर है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।  

पट्टियाँ कैसे बाँधें

पट्टी बांधने का तरीका चोट के प्रकार और उपयोग की जा रही पट्टी के प्रकार पर निर्भर करता है। यहाँ कुछ सामान्य दिशानिर्देश दिए गए हैं:

  • सही आकार की पट्टी चुनें: सुनिश्चित करें कि पट्टी घाव को ढकने के लिए पर्याप्त बड़ी है और घायल क्षेत्र के चारों ओर लपेटने के लिए पर्याप्त लंबी है।  
  • पट्टी को बहुत कसकर न बाँधें: पट्टी को इतना कसकर न बाँधें कि वह रक्त प्रवाह को रोक दे।  
  • पट्टी को नियमित रूप से जांचें: सुनिश्चित करें कि पट्टी बहुत कसी हुई या बहुत ढीली तो नहीं है। यदि पट्टी गीली या गंदी हो जाती है, तो उसे बदलें।  

रोलर पट्टी कैसे बाँधें:

  • घायल अंग को सहारा दें।  
  • पट्टी को घायल क्षेत्र के नीचे से शुरू करें और ऊपर की ओर लपेटें।  
  • प्रत्येक घुमाव को पिछले घुमाव के दो-तिहाई हिस्से को ढकना चाहिए।  
  • पट्टी को बहुत कसकर न बाँधें।  
  • पट्टी के सिरे को टेप या पिन से सुरक्षित करें।  

त्रिकोणीय पट्टी कैसे बाँधें:

  • त्रिकोणीय पट्टी को समतल रखें।  
  • पट्टी को आधा मोड़ें ताकि शीर्ष बिंदु आधार को छू ले।  
  • पट्टी को फिर से आधा मोड़ें।  
  • घायल अंग को पट्टी के बीच में रखें।  
  • पट्टी के सिरों को घायल अंग के चारों ओर लपेटें और एक गांठ बाँध लें।  

क्रेप पट्टी कैसे बाँधें:

  • पट्टी को टोस के नीचे वाले हिस्से से शुरू करें और ऊपर की ओर लपेटें।  
  • प्रत्येक परत को पिछली परत के एक तिहाई हिस्से को ढकना चाहिए।  
  • पट्टी को बहुत कसकर न बाँधें।  
  • पट्टी को नियमित रूप से जांचें और आवश्यकतानुसार ढीला करें।  

पट्टियाँ प्राथमिक उपचार किट का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। विभिन्न प्रकार की पट्टियों और उनके उपयोग को समझना किसी भी आपात स्थिति में प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने के लिए महत्वपूर्ण है। उचित पट्टी तकनीकों का उपयोग करके, आप रक्तस्राव को नियंत्रित करने, घावों की रक्षा करने और उपचार प्रक्रिया को तेज करने में मदद कर सकते हैं। याद रखें, प्राथमिक उपचार का ज्ञान जीवन रक्षक हो सकता है।  

इस लेख में हमने विभिन्न प्रकार की पट्टियों, उनके उपयोग और उन्हें कैसे लगाया जाए, इस बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की है। पट्टियाँ प्राथमिक उपचार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और किसी भी आपात स्थिति में रक्तस्राव को नियंत्रित करने, घावों की रक्षा करने और उपचार प्रक्रिया को तेज करने में मदद कर सकती हैं।

पट्टी बांधते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है, जैसे कि अपनी और घायल व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करना, घाव को साफ करना, सही पट्टी का उपयोग करना, और पट्टी को ठीक से लगाना।

यह भी याद रखें कि यदि चोट गंभीर है या रक्तस्राव बंद नहीं हो रहा है, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लेना महत्वपूर्ण है।

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