सिलाई मशीन की समस्याएँ और समाधान (Problems and Solutions of a Sewing Machine)

सिलाई मशीन! ये तो creativity का खजाना है! लेकिन जब ये नखरे दिखाने लगती है ना, तो सारा मज़ा किरकिरा हो जाता है। कभी धागा टूटता है, कभी सुई अटक जाती है, तो कभी मशीन ही चलना बंद कर देती है। पर घबराइए मत, मैं यहाँ हूँ ना! चलिए, इन परेशानियों को दूर भगाते हैं और सिलाई मशीन को फिर से खुश करते हैं:

1. धागा बार-बार टूटना:

  • अरे, ये तो आम बात है! कई बार धागा पुराना या कमज़ोर होने की वजह से टूट जाता है। अच्छी क्वालिटी का धागा इस्तेमाल करें और देखें कि कहीं गाँठ तो नहीं है।  
  • मशीन में धूल जमने से भी धागा टूट सकता है। इसलिए समय-समय पर मशीन की सफाई करते रहें।  
  • सुई टेढ़ी या पुरानी हो गई हो, तो उसे भी बदल दें।  
  • और हाँ, टेंशन भी चेक कर लें। ज़रूरत पड़े तो उसे एडजस्ट कर लें।  
  • ऊपरी और निचले धागे के बीच तालमेल बिठाने के लिए टेंशन को सही से सेट करें।  
  • अगर कपड़ा बहुत मोटा है, तो मोटी सुई और मज़बूत धागा इस्तेमाल करें।  
  • सुई की नोक भी चेक करें, कहीं वो घिस या मुड़ी तो नहीं है।  

2. सुई का बार-बार टूटना:

  • लगता है आप गलत नंबर की सुई इस्तेमाल कर रही हैं! कपड़े के हिसाब से सुई बदलें। मोटे कपड़े के लिए मोटी सुई और पतले कपड़े के लिए पतली सुई।  
  • सुई को सही से लगाएँ – चपटा हिस्सा पीछे और गोल हिस्सा आगे।
  • सुई को नीडल बार में पूरी तरह से डालें।
  • कपड़े को खींचे नहीं, बल्कि मशीन को ही कपड़ा आगे बढ़ाने दें।  

3. मशीन का भारी चलना:

  • अरे, ऐसा लगता है कि मशीन में कुछ अटक गया है! शटल केस के दोनों पेंच ढीले करके उसे बाहर निकालें और अच्छे से साफ करें। हो सकता है कि उसमें धूल-मिट्टी जम गई हो।  
  • सुई भी चेक कर लें, कहीं टेढ़ी तो नहीं लगी है।  
  • मशीन में सही जगह पर तेल डालें, लेकिन सुई, शटल पॉइंट, बॉबिन, टेंशन डिस्क और रबर रिंग पर तेल न डालें।

4. सिलाई नहीं आना:

  • ओह, ये तो बहुत सिंपल है! नीचे वाली रील (बॉबिन) ठीक से लगी है या नहीं, ये देख लें। कई बार जल्दबाजी में वो ठीक से नहीं लग पाती।  
  • ऊपरी और निचले धागे को सही से पिरोएँ।
  • बॉबिन में धागा सही से लिपटा होना चाहिए और टेंशन भी सही होनी चाहिए।

5. कपड़ा सिलाई के समय इकट्ठा होना:

  • ऐसा लगता है कि कपड़े पर दबाव ज़्यादा है। प्रेशर फ़ुट का इस्तेमाल करके दबाव कम करें।  
  • मशीन के दाँतों में गंदगी भी हो सकती है। उन्हें साफ कर लें।  
  • सिलाई की लंबाई और कपड़े के हिसाब से प्रेशर फ़ुट का दबाव एडजस्ट करें।

6. टाँका छोड़ना:

  • सुई ठीक से लगी है या नहीं, ये देख लें।  
  • हो सकता है कि धागा कपड़े के हिसाब से सही न हो।  
  • सुई की नोक मुड़ी हुई तो नहीं है?  
  • सुई कपड़े के हिसाब से सही होनी चाहिए।  
  • अगर ज़िपर फ़ुट इस्तेमाल कर रहे हैं, तो सुई और फ़ुट के बीच की दूरी चेक करें।  

7. धागे में गुच्छे पड़ना:

  • टेंशन में धागा सही से पिरोया है या नहीं, ये चेक करें।  
  • बॉबिन में धागा ढीला तो नहीं है?  
  • धागा सही क्रम से डाला है या नहीं, ये भी देख लें।  
  • ऊपरी और निचले धागे के बीच तालमेल होना चाहिए।  
  • बॉबिन केस और आसपास की जगह को साफ करें।  

8. मशीन अचानक बंद हो जाना:

  • अगर मशीन ज़्यादा देर तक धीमी गति से चल रही हो, तो वो ओवरहीट हो सकती है और अपने आप बंद हो सकती है। ऐसे में मशीन को 20 मिनट के लिए बंद करके रख दें, फिर वो खुद-ब-खुद चालू हो जाएगी।

9. मशीन सिलाई बंद कर देना:

  • हो सकता है कि प्रेसर फ़ुट सही से लगा न हो या सुई उससे टकरा रही हो। प्रेसर फ़ुट बदलें या सुई को सही से लगाएँ।
  • सुई crochet सुई में फँस भी सकती है। सुई को निकालकर नई सुई लगाएँ।

10. सुई न चलना:

  • ऊपरी धागा खत्म हो गया होगा। नया धागा लगाएँ और सुई को फिर से पिरोएँ।
  • प्रेसर फ़ुट नीचे नहीं होगा। प्रेसर फ़ुट को नीचे करें।
  • बॉबिन का धागा सही जगह पर नहीं होगा। बॉबिन को चेक करें।

11. सिलाई मशीन से अजीब आवाज़ें आना:

  • मशीन के पुर्ज़ों में धूल-मिट्टी जमने से अजीब आवाज़ें आ सकती हैं। मशीन को साफ करें।  
  • सुई ढीली या टेढ़ी होने पर भी आवाज़ आ सकती है। सुई को चेक करें और सही से लगाएँ।  
  • प्रेसर फ़ुट भी चेक करें कि वो सही से लगा है या नहीं।  

12. सिलाई मशीन अटक जाना:

  • बॉबिन में धागा उलझने से मशीन अटक सकती है। बॉबिन को चेक करें और धागे को सुलझाएँ।  
  • प्रेसर फ़ुट सही से लगा है या नहीं, ये भी देखें।  
  • पावर सप्लाई और फ़ुट पेडल के कनेक्शन भी चेक करें।  

कुछ और ज़रूरी बातें:

  • सिलाई मशीन में समय-समय पर तेल डालें, लेकिन सुई, शटल प्वाइंट, बॉबिन, टेंशन डिस्क और रबर रिंग पर तेल न डालें।
  • सिलाई करते समय कपड़े को न खींचें।
  • अगर धागा खिंच रहा है, तो टेंशन पेंच को घुमाकर धागे को ढीला या टाइट करें।
  • सुई को ठीक से फिट करें। सुई का चपटा हिस्सा पीछे की तरफ और गोलाकार हिस्सा सामने की तरफ।

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