पौष्टिकता की संकल्पना (Concept of Nutrition)

पोषण हमारे जीवन का आधार है। यह वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा हम भोजन से आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त करते हैं जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने, ऊर्जा प्रदान करने, और विकास एवं वृद्धि में सहायक होते हैं । पोषण विज्ञान हमें बताता है कि विभिन्न पोषक तत्वों का हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है और हम कैसे संतुलित आहार के माध्यम से स्वस्थ जीवन जी सकते हैं ।  

पोषण क्या है?

पोषण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा जीव भोजन प्राप्त करते हैं, उसे सरल रूप में परिवर्तित करते हैं, और फिर उसका उपयोग शरीर के लिए आवश्यक पदार्थों को बनाने में करते हैं । यह एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने, ऊर्जा प्रदान करने, और विकास एवं वृद्धि में सहायक होती है । पोषण के माध्यम से ही हम अपने शरीर की विभिन्न जैविक प्रक्रियाओं, जैसे श्वसन, पाचन, और उत्सर्जन, को सुचारू रूप से चला पाते हैं । इसके अलावा, माँ का स्वास्थ्य और पोषण शिशुओं में पोषक तत्वों की कमी को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि माँ का दूध शिशुओं के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्वों का एकमात्र स्रोत होता है ।  

पोषक तत्वों के प्रकार

पोषक तत्व वे रासायनिक घटक होते हैं जो हमारे शरीर का पोषण करते हैं । प्राणी अपने भोजन से पोषक तत्व प्राप्त करते हैं, जबकि पादप इन्हें अपनी जड़ों के माध्यम से सीधे मिट्टी से या अपने वातावरण से प्राप्त करते हैं । कुछ पौधे, जिन्हें मांसभक्षी पादप कहा जाता है, कीट-पतंगों को पचाकर उनसे पोषक तत्व प्राप्त करते हैं । पोषक तत्वों को मुख्यतः दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:  

मैक्रोन्यूट्रिएंट्स

ये वे पोषक तत्व हैं जिनकी हमारे शरीर को अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है।

पोषक तत्व प्रकारउदाहरणस्रोतकार्य
कार्बोहाइड्रेटशर्करा, स्टार्चचावल, गेहूं, आलू, फलऊर्जा प्रदान करना, पाचन तंत्र को स्वस्थ रखना
प्रोटीनअमीनो एसिडदालें, सोयाबीन, अंडे, मांस, मछलीशरीर का निर्माण और मरम्मत, एंजाइम और हार्मोन का उत्पादन, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना
वसासंतृप्त और असंतृप्त वसातेल, घी, मक्खन, मेवेऊर्जा प्रदान करना, शरीर के तापमान को नियंत्रित करना, कोशिकाओं की रक्षा करना, हार्मोन का उत्पादन करना

माइक्रोन्यूट्रिएंट्स

ये वे पोषक तत्व हैं जिनकी हमारे शरीर को कम मात्रा में आवश्यकता होती है, लेकिन ये हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।

पोषक तत्व प्रकारउदाहरणस्रोतकार्य
विटामिनविटामिन A, B, C, D, E, और Kफल, सब्जियां, अंडे, दूधविभिन्न जैविक प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से चलाना, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना
खनिजकैल्शियम, आयरन, जिंक, आयोडीनदूध, हरी पत्तेदार सब्जियां, मेवेहड्डियों और दांतों का निर्माण करना, रक्त का उत्पादन करना, तंत्रिका तंत्र का कार्य करना

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जल

जल हमारे शरीर के लिए सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व है । यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करने, कोशिकाओं तक पोषक तत्वों को पहुँचाने, और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होता है। हमें प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।  

प्रत्येक पोषक तत्व का कार्य

  • कार्बोहाइड्रेट: हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं, जो हमारे दैनिक कार्यों को करने के लिए आवश्यक है। कार्बोहाइड्रेट पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में भी मदद करते हैं।
  • प्रोटीन: शरीर के ऊतकों, जैसे मांसपेशियों, त्वचा, और बालों, के निर्माण और मरम्मत के लिए आवश्यक होते हैं। प्रोटीन एंजाइम और हार्मोन के उत्पादन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
  • वसा: शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के साथ-साथ शरीर के तापमान को नियंत्रित करने, कोशिकाओं की रक्षा करने, और हार्मोन के उत्पादन में भी सहायक होते हैं।
  • विटामिन: शरीर की विभिन्न जैविक प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक होते हैं, जैसे कि दृष्टि, रक्त का थक्का जमना, और प्रतिरक्षा प्रणाली का कार्य करना।
  • खनिज: हड्डियों और दांतों के निर्माण, रक्त के उत्पादन, और तंत्रिका तंत्र के कार्य करने के लिए आवश्यक होते हैं।
  • जल: शरीर के तापमान को नियंत्रित करने, कोशिकाओं तक पोषक तत्वों को पहुँचाने, और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में सहायक होता है।

संतुलित आहार

संतुलित आहार वह होता है जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व सही अनुपात में मौजूद हों । संतुलित आहार एक ऐसा आहार है जो समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व प्रदान करता है, जिसमें कार्ब्स, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज और फाइबर शामिल हैं । यह ताजे फलों और सब्जियों को प्रोसेस्ड फूड्स पर प्राथमिकता देकर विविध भोजन सेवन को बढ़ावा देता है । संतुलित आहार के लिए हमें विभिन्न खाद्य समूहों से भोजन का सेवन करना चाहिए, जैसे अनाज, दालें, फल, सब्जियां, दूध, और मांस । भारतीय भोजन में संतुलित आहार के लिए दाल-चावल, रोटी-सब्जी, और फल का सेवन करना चाहिए । संतुलित आहार न केवल शारीरिक स्वास्थ्य का समर्थन करता है, बल्कि मानसिक तंदुरुस्ती को भी बढ़ाता है । इसके अलावा, स्थानीय रूप से उगाए गए और मौसम के अनुसार उपलब्ध खाद्य पदार्थों को खरीदना अधिक महत्वपूर्ण है ।  

संतुलित आहार के लिए “हाफ-प्लेट रूल” का पालन करना चाहिए, जिसमें आधी प्लेट में फल, सब्जियां और सलाद शामिल हों, और बची हुई आधी प्लेट में अपनी पसंद का कोई भी खाना शामिल हो ।  

पोषण संबंधी आवश्यकताएँ

पोषण की आवश्यकताएं आयु, लिंग, गतिविधि स्तर, और स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर बदलती हैं । बच्चों और किशोरों को अधिक प्रोटीन और कैल्शियम की आवश्यकता होती है, जबकि गर्भवती महिलाओं को अधिक आयरन और फोलिक एसिड की आवश्यकता होती है। वृद्ध लोगों में, ऊर्जा (भोजन) का सेवन उनकी ऊर्जा की ज़रूरतों से कम होने पर पोषण की स्थिति खराब हो सकती है । इसलिए, वृद्ध लोगों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे संतुलित आहार लें जो आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर हो । हालांकि, उम्र बढ़ने के साथ, कई शारीरिक और सामाजिक परिवर्तन होते हैं जो पोषण को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे भूख में कमी, दवाओं का सेवन, और सामाजिक अलगाव ।  

पोषण की कमी

पोषण की कमी तब होती है जब शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिलते हैं । इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे गरीबी, अशिक्षा, अस्वास्थ्यकर भोजन की आदतें, और खाद्य प्रसंस्करण, जो आवश्यक पोषक तत्वों को भोजन से बाहर कर सकता है । पोषण की कमी से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे एनीमिया, रिकेट्स, और कुपोषण । भारत में पोषण की कमी एक गंभीर समस्या है, खासकर बच्चों और महिलाओं में। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार द्वारा कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जैसे मिड-डे मील योजना और आंगनवाड़ी कार्यक्रम।  

पोषण संबंधी विकार

पोषण संबंधी विकार तब होते हैं जब शरीर को पोषक तत्वों की कमी या अधिकता हो जाती है । मोटापा, मधुमेह, और हृदय रोग कुछ सामान्य पोषण संबंधी विकार हैं। इन विकारों के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अस्वास्थ्यकर भोजन की आदतें, शारीरिक निष्क्रियता, आनुवंशिकता, और अधिक भोजन करना, जिससे मोटापा हो सकता है । भारत में पोषण संबंधी विकारों की समस्या बढ़ रही है, जिससे लोगों को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, पोषण संबंधी कमियां बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे अवसाद और चिंता, से भी जुड़ी हो सकती हैं ।  

स्वस्थ पोषण संबंधी आदतें

स्वस्थ पोषण संबंधी आदतें विकसित करने के लिए हमें निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  • अपने वर्तमान आहार का मूल्यांकन करें: अपने आहार में क्या कमी है, यह जानने के लिए अपने वर्तमान आहार का मूल्यांकन करना महत्वपूर्ण है ।  
  • विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन करें: हमें अपने आहार में विभिन्न प्रकार के फल, सब्जियां, अनाज, दालें, और प्रोटीन स्रोत शामिल करने चाहिए ।  
  • प्रोसेस्ड फूड्स से बचें: प्रोसेस्ड फूड्स में अक्सर अधिक मात्रा में चीनी, नमक, और अस्वास्थ्यकर वसा होती है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है ।  
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं: हमें प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए ।  
  • नियमित व्यायाम करें: व्यायाम हमारे शरीर को स्वस्थ रखने और वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है ।  
  • भोजन को अच्छी तरह चबाएं: भोजन को अच्छी तरह चबाने से पाचन क्रिया बेहतर होती है ।  
  • भाग नियंत्रण और सचेत भोजन: अपनी प्लेट में भोजन की मात्रा पर ध्यान दें और बिना किसी विकर्षण के भोजन का आनंद लें ।  

बच्चों और किशोरों में स्वस्थ पोषण संबंधी आदतें विकसित करने के लिए उन्हें बचपन से ही स्वस्थ भोजन के बारे में शिक्षित करना चाहिए और उन्हें स्वस्थ भोजन का विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए । इसके अलावा, बच्चों को कृत्रिम खाद्य रंगों से बचाना चाहिए, क्योंकि ये अति सक्रियता का कारण बन सकते हैं ।  

पोषण संबंधी जानकारी के विश्वसनीय स्रोत

पोषण संबंधी जानकारी के लिए हमें विश्वसनीय स्रोतों का उपयोग करना चाहिए, जैसे डॉक्टर, पोषण विशेषज्ञ, स्वास्थ्य संगठन, और हार्वर्ड हेल्दी ईटिंग प्लेट गाइड । हमें इंटरनेट पर मिलने वाली सभी जानकारी पर आँख बंद करके विश्वास नहीं करना चाहिए, क्योंकि कई बार यह जानकारी गलत या भ्रामक हो सकती है।  

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