विद्यालयीय स्वास्थ्य(School Health): बच्चों के सर्वांगीण विकास का आधार

विद्यालय, बच्चों के जीवन में शिक्षा का मंदिर होने के साथ-साथ उनके शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य को विकसित करने का भी महत्वपूर्ण केंद्र होता है। बच्चों का अधिकांश समय विद्यालय में ही व्यतीत होता है, इसलिए विद्यालयीय स्वास्थ्य कार्यक्रम उनके सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह लेख विद्यालयीय स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं, भारत में चल रहे कार्यक्रमों, बच्चों में आम स्वास्थ्य समस्याओं, शैक्षणिक प्रदर्शन में स्वास्थ्य के महत्व और शिक्षकों एवं अभिभावकों की भूमिका पर प्रकाश डालेगा। इसके अतिरिक्त, यह लेख “स्वास्थ्य वर्धक विद्यालय” की अवधारणा और विद्यालयीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा करेगा।

शैक्षणिक प्रदर्शन में विद्यालयीय स्वास्थ्य का महत्व

बच्चों का स्वास्थ्य उनके शैक्षणिक प्रदर्शन को सीधे प्रभावित करता है। स्वस्थ बच्चे स्कूल में बेहतर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं , अधिक सक्रिय रूप से भाग ले सकते हैं, और बेहतर सीख सकते हैं। स्वास्थ्य समस्याओं के कारण बच्चों की स्कूल में उपस्थिति कम हो सकती है, जिससे उनके सीखने पर असर पड़ता है। अध्ययनों से पता चला है कि स्वस्थ बच्चों के परीक्षा में बेहतर अंक प्राप्त करने , स्कूल में कम हिंसा करने, और स्कूल छोड़ने की संभावना कम होती है। स्वास्थ्य, बच्चों के संज्ञानात्मक कौशल, उपस्थिति और समग्र शैक्षणिक उपलब्धि को प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए, जो बच्चे नियमित रूप से नाश्ता करते हैं, उनमें ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बेहतर होती है और वे परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। वहीं, जिन बच्चों को स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं, उनकी स्कूल में उपस्थिति कम होती है और वे पढ़ाई में पिछड़ सकते हैं।  

भारत में विद्यालयीय स्वास्थ्य कार्यक्रम

भारत सरकार ने बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य बच्चों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना, स्वास्थ्य समस्याओं की रोकथाम करना, और उन्हें स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करना है। इनमें से कुछ प्रमुख कार्यक्रम इस प्रकार हैं:

  • राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK): यह कार्यक्रम 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए है, जिसमें जन्मजात विकृतियों, बीमारियों, कमियों और विकास संबंधी देरी की जांच और प्रबंधन शामिल है। यह कार्यक्रम बच्चों में स्वास्थ्य समस्याओं की जल्द पहचान और उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं को रोका जा सकता है।  
  • राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (RKSK): यह कार्यक्रम 10 से 19 वर्ष की आयु के किशोरों के लिए है, जो पोषण, यौन और प्रजनन स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य और नशीली दवाओं के दुरुपयोग जैसी स्वास्थ्य समस्याओं को संबोधित करता है।  
  • आयुष्मान भारत – स्कूल स्वास्थ्य और कल्याण कार्यक्रम (AB-SHWP): यह कार्यक्रम स्कूलों में स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रालय की एक संयुक्त पहल है। इस कार्यक्रम के तहत, प्रत्येक स्कूल में दो शिक्षकों को “स्वास्थ्य और कल्याण राजदूत” के रूप में नामित किया जाता है, जो बच्चों को स्वास्थ्य और पोषण के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं और स्वस्थ आदतों को बढ़ावा देते हैं।  

विद्यालयीय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सरकार की भूमिका

विद्यालयीय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सरकार विभिन्न नीतियों और कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यालयों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने, स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने, और स्वस्थ वातावरण बनाने का प्रयास करती है। कुछ महत्वपूर्ण सरकारी पहल इस प्रकार हैं:  

  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन: इस मिशन के तहत, विद्यालयों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जैसे कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम और राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम।
  • स्कूल स्वास्थ्य नीति: सरकार ने स्कूलों में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक विस्तृत नीति बनाई है, जिसमें स्वास्थ्य जांच, उपचार, पोषण, स्वच्छता, और स्वास्थ्य शिक्षा जैसे पहलू शामिल हैं।
  • विद्यालयों में स्वास्थ्य कर्मचारियों की नियुक्ति: सरकार विद्यालयों में स्वास्थ्य कर्मचारियों, जैसे कि नर्स और डॉक्टर, की नियुक्ति करने के लिए प्रोत्साहित करती है ताकि बच्चों को तत्काल स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें।

विद्यालयीय बच्चों में आम स्वास्थ्य समस्याएँ

भारत में स्कूली बच्चों में कई स्वास्थ्य समस्याएँ आम हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • कुपोषण: कुपोषण बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित करता है। यह बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करता है और उन्हें बीमारियों का खतरा बढ़ाता है। कुपोषण के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि गरीबी, असंतुलित आहार, और बीमारियाँ।  
  • एनीमिया: एनीमिया, या खून की कमी, भारत में स्कूली बच्चों में एक आम समस्या है। यह शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी के कारण होता है, जो शरीर के विभिन्न अंगों तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करती हैं। एनीमिया के कारण बच्चों में थकान, कमजोरी, और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है।  
  • कृमि संक्रमण: गंदगी और अस्वच्छता के कारण बच्चों में कृमि संक्रमण आम है। इससे बच्चों में पेट दर्द, कमजोरी, और कुपोषण हो सकता है। कृमि संक्रमण से बचाव के लिए बच्चों को हाथ धोने, साफ पानी पीने, और स्वच्छ भोजन खाने की आदत डालनी चाहिए।  
  • श्वसन तंत्र के संक्रमण: सर्दी, खांसी, और निमोनिया जैसे श्वसन तंत्र के संक्रमण बच्चों में आम हैं, खासकर ठंड के मौसम में। ये संक्रमण वायरस या बैक्टीरिया के कारण हो सकते हैं।  
  • दंत क्षय: मिठाई और चॉकलेट का अधिक सेवन और दांतों की सही सफाई न करने से बच्चों में दंत क्षय की समस्या होती है। दंत क्षय से बचाव के लिए बच्चों को दिन में दो बार ब्रश करना चाहिए और मीठा खाने के बाद कुल्ला करना चाहिए।  
  • नेत्र दोष: कम रोशनी में पढ़ना, टीवी और मोबाइल का अधिक उपयोग, और आनुवंशिक कारणों से बच्चों में नेत्र दोष हो सकते हैं। नेत्र दोष के कारण बच्चों को दूर या पास की चीजें देखने में कठिनाई हो सकती है।  
  • मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ: अत्यधिक पढ़ाई का दबाव, प्रतिस्पर्धा, और पारिवारिक समस्याओं के कारण बच्चों में चिंता, अवसाद, और तनाव जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं। मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का बच्चों के शैक्षणिक प्रदर्शन और सामाजिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, अवसाद से पीड़ित बच्चों में उदासी, निराशा, और ऊर्जा की कमी हो सकती है, जिससे उन्हें पढ़ाई में मन नहीं लगता और वे स्कूल जाने से कतराते हैं।  

स्वास्थ्य वर्धक विद्यालय

“स्वास्थ्य वर्धक विद्यालय” की अवधारणा स्कूलों को ऐसे स्थान के रूप में देखती है जो बच्चों के शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। इस अवधारणा के अनुसार, स्कूलों को स्वस्थ वातावरण, स्वास्थ्य सेवाएं, और स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करनी चाहिए ताकि बच्चे स्वस्थ रहें और बेहतर सीख सकें। स्वास्थ्य वर्धक विद्यालय बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम इस प्रकार हैं:  

  • स्वस्थ वातावरण का निर्माण: स्कूलों में स्वच्छ पानी, साफ शौचालय, और हवादार कक्षाएं होनी चाहिए। खेल के मैदान सुरक्षित होने चाहिए और बच्चों को खेलने के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए।
  • स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता: स्कूलों में बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच होनी चाहिए और उन्हें आवश्यकता पड़ने पर उपचार उपलब्ध होना चाहिए। स्कूलों में स्वास्थ्य कर्मचारियों, जैसे कि नर्स और डॉक्टर, की उपस्थिति होनी चाहिए।
  • स्वास्थ्य शिक्षा का प्रावधान: बच्चों को स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता, और बीमारियों से बचाव के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। स्वास्थ्य शिक्षा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए।
  • अभिभावकों और समुदाय की भागीदारी: विद्यालयीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में अभिभावकों और समुदाय की भागीदारी होनी चाहिए। अभिभावकों को बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए और उन्हें बच्चों को स्वस्थ आदतें सिखाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।

विद्यालयीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में चुनौतियाँ

भारत में विद्यालयीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में कई चुनौतियाँ हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • संसाधनों की कमी: कई स्कूलों में स्वास्थ्य सेवाओं और स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी होती है। स्कूलों में स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिए पर्याप्त धन भी उपलब्ध नहीं होता है।  
  • जागरूकता की कमी: अभिभावकों और शिक्षकों में विद्यालयीय स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता की कमी होती है। कई अभिभावक बच्चों की स्वास्थ्य समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेते हैं।
  • शिक्षकों का प्रशिक्षण: शिक्षकों को विद्यालयीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को लागू करने के लिए उचित प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। कई शिक्षकों के पास स्वास्थ्य शिक्षा और स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान का ज्ञान नहीं होता है।  
  • अन्य चुनौतियाँ: विद्यालयीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में अन्य चुनौतियाँ भी हैं, जैसे कि बच्चों की बढ़ती संख्या, विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं, और सामाजिक-आर्थिक कारक।

विद्यालयीय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में शिक्षकों और अभिभावकों की भूमिका

विद्यालयीय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में शिक्षकों और अभिभावकों दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। दोनों को मिलकर बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए काम करना चाहिए।

शिक्षकों की भूमिका:

  • स्वास्थ्य शिक्षा: शिक्षक बच्चों को स्वस्थ आदतों, पोषण, स्वच्छता, और बीमारियों से बचाव के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं। वे बच्चों को हाइपरटेंशन जैसी गैर-संचारी बीमारियों से बचाव के लिए स्वस्थ जीवन शैली के बारे में भी शिक्षित कर सकते हैं।  
  • स्वस्थ वातावरण: शिक्षक कक्षा और विद्यालय में स्वस्थ वातावरण बना सकते हैं, जिसमें स्वच्छता, हवादार कमरे, और सुरक्षित खेल के मैदान शामिल हैं। उदाहरण के लिए, वे यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि कक्षाओं में उचित वेंटिलेशन हो, बच्चों को हाथ धोने के लिए प्रोत्साहित करें, और शौचालयों की सफाई का ध्यान रखें।  
  • भूमिका मॉडल: शिक्षक स्वयं स्वस्थ आदतों को अपनाकर बच्चों के लिए एक अच्छे रोल मॉडल बन सकते हैं।  
  • समस्याओं की पहचान: शिक्षक बच्चों में स्वास्थ्य समस्याओं, जिनमें मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भी शामिल हैं, की पहचान कर सकते हैं और उन्हें उचित उपचार के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। वे बच्चों के व्यवहार में आने वाले परिवर्तनों पर ध्यान दे सकते हैं और समस्याओं का जल्द पता लगा सकते हैं।  
  • अभिभावकों से संवाद: शिक्षक बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में अभिभावकों से संवाद कर सकते हैं और उन्हें बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहयोग कर सकते हैं।  

अभिभावकों की भूमिका:

  • पौष्टिक आहार: अभिभावक बच्चों को पौष्टिक आहार प्रदान कर सकते हैं, जिसमें फल, सब्जियां, और दूध शामिल हों। वे बच्चों को स्वस्थ खाने की आदतें सिखा सकते हैं और उन्हें जंक फूड से दूर रहने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।  
  • नियमित व्यायाम: अभिभावक बच्चों को नियमित व्यायाम करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं, जैसे कि खेलना, दौड़ना, और योग करना।  
  • पर्याप्त नींद: अभिभावक यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि बच्चों को पर्याप्त नींद मिले, जो उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।  
  • स्वच्छता: अभिभावक बच्चों को स्वच्छता के बारे में सिखा सकते हैं, जैसे कि हाथ धोना, नाखून काटना, और साफ कपड़े पहनना।  
  • स्कूल गतिविधियों में भागीदारी: अभिभावक स्कूल की गतिविधियों में भाग लेकर बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा में रुचि दिखा सकते हैं। इससे बच्चों को प्रेरणा मिलती है और वे स्कूल में बेहतर प्रदर्शन करते हैं।  
  • शिक्षकों से संवाद: अभिभावक शिक्षकों से संवाद करके बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और उन्हें बेहतर बनाने में सहयोग कर सकते हैं।  
  • अभिभावक बच्चों में स्वस्थ खाने की आदतों को बढ़ावा देने के लिए इंटरैक्टिव गतिविधियों का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि साझा पुस्तक पठन। इससे बच्चों को पोषण के बारे में जानकारी मिलती है और वे स्वस्थ आहार का महत्व समझते हैं। अभिभावकों की भागीदारी से बच्चों के सामाजिक कौशल और व्यवहार में भी सुधार होता है।  

विद्यालयीय स्वास्थ्य, बच्चों के सर्वांगीण विकास का आधार है। स्वस्थ बच्चे बेहतर सीखते हैं, बेहतर प्रदर्शन करते हैं, और समाज के लिए एक मूल्यवान संपत्ति बनते हैं। सरकार, स्कूल, शिक्षक, और अभिभावक सभी को मिलकर बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए प्रयास करने चाहिए। विद्यालयीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को मजबूत बनाकर, बच्चों में स्वस्थ आदतों का विकास करके, और उनके स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करके, हम एक स्वस्थ और समृद्ध भारत का निर्माण कर सकते हैं। आइए, हम सभी अपने समुदायों में विद्यालयीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों का समर्थन करें और ऐसी नीतियों की वकालत करें जो बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण को प्राथमिकता देती हों।

MCQ For विद्यालयीय स्वास्थ्य (School Health)


1. निम्नलिखित में से कौन सा कथन विद्यालयीय स्वास्थ्य के बारे में सही नहीं है?

(a) विद्यालयीय स्वास्थ्य केवल बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य से संबंधित है।

(b) विद्यालयीय स्वास्थ्य बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

(c) विद्यालयीय स्वास्थ्य कार्यक्रम बच्चों को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।

(d) विद्यालयीय स्वास्थ्य कार्यक्रम बच्चों में स्वास्थ्य समस्याओं की रोकथाम में मदद करते हैं।

2. “स्वास्थ्य वर्धक विद्यालय” की अवधारणा का मुख्य उद्देश्य क्या है?

(a) बच्चों को केवल स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना।

(b) बच्चों को केवल स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करना।

(c) बच्चों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना।

(d) बच्चों को केवल खेलकूद के लिए प्रोत्साहित करना।

3. भारत में स्कूली बच्चों में कौन सी स्वास्थ्य समस्या सबसे आम है?

(a) कुपोषण

(b) एनीमिया

(c) कृमि संक्रमण

(d) उपरोक्त सभी

4. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) किस आयु वर्ग के बच्चों के लिए है?

(a) 0 से 6 वर्ष

(b) 6 से 14 वर्ष

(c) 14 से 18 वर्ष

(d) 0 से 18 वर्ष

5. राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (RKSK) किस आयु वर्ग के किशोरों के लिए है?

(a) 10 से 14 वर्ष

(b) 14 से 18 वर्ष

(c) 10 से 19 वर्ष

(d) 15 से 19 वर्ष

6. आयुष्मान भारत – स्कूल स्वास्थ्य और कल्याण कार्यक्रम (AB-SHWP) के तहत, प्रत्येक स्कूल में कितने शिक्षकों को “स्वास्थ्य और कल्याण राजदूत” के रूप में नामित किया जाता है?

(a) एक

(b) दो

(c) तीन

(d) चार

7. विद्यालयीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में सबसे बड़ी चुनौती क्या है?

(a) संसाधनों की कमी

(b) जागरूकता की कमी

(c) शिक्षकों का प्रशिक्षण

(d) उपरोक्त सभी

8. विद्यालयीय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में शिक्षकों की क्या भूमिका है?

(a) स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करना

(b) स्वस्थ वातावरण बनाना

(c) समस्याओं की पहचान करना

(d) उपरोक्त सभी

9. विद्यालयीय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में अभिभावकों की क्या भूमिका है?

(a) बच्चों को पौष्टिक आहार प्रदान करना

(b) बच्चों को नियमित व्यायाम के लिए प्रोत्साहित करना

(c) बच्चों को स्वच्छता के बारे में सिखाना

(d) उपरोक्त सभी

10. बच्चों के शैक्षणिक प्रदर्शन को कौन सा कारक सबसे अधिक प्रभावित करता है?

(a) स्वास्थ्य

(b) पारिवारिक वातावरण

(c) शिक्षकों का व्यवहार

(d) स्कूल का वातावरण

11. निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?

(a) स्वस्थ बच्चे स्कूल में बेहतर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

(b) स्वास्थ्य समस्याओं के कारण बच्चों की स्कूल में उपस्थिति कम हो सकती है।

(c) स्वस्थ बच्चों के परीक्षा में बेहतर अंक प्राप्त करने की संभावना अधिक होती है।

(d) उपरोक्त सभी

12. कुपोषण का बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है?

(a) शारीरिक विकास में बाधा

(b) मानसिक विकास में बाधा

(c) रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी

(d) उपरोक्त सभी

13. एनीमिया का मुख्य कारण क्या है?

(a) आयरन की कमी

(b) विटामिन की कमी

(c) प्रोटीन की कमी

(d) कार्बोहाइड्रेट की कमी

14. कृमि संक्रमण से बचाव के लिए क्या करना चाहिए?

(a) हाथ धोना

(b) साफ पानी पीना

(c) स्वच्छ भोजन खाना

(d) उपरोक्त सभी

15. दंत क्षय का मुख्य कारण क्या है?

(a) मिठाई का अधिक सेवन

(b) दांतों की सही सफाई न करना

(c) आनुवंशिक कारण

(d) (a) और (b) दोनों

16. नेत्र दोष का मुख्य कारण क्या है?

(a) कम रोशनी में पढ़ना

(b) टीवी और मोबाइल का अधिक उपयोग

(c) आनुवंशिक कारण

(d) उपरोक्त सभी

17. बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के क्या कारण हो सकते हैं?

(a) अत्यधिक पढ़ाई का दबाव

(b) प्रतिस्पर्धा

(c) पारिवारिक समस्याएं

(d) उपरोक्त सभी

18. अवसाद के लक्षण क्या हैं?

(a) उदासी

(b) निराशा

(c) ऊर्जा की कमी

(d) उपरोक्त सभी

19. स्वास्थ्य वर्धक विद्यालय में क्या होना चाहिए?

(a) स्वच्छ पानी

(b) साफ शौचालय

(c) हवादार कक्षाएं

(d) उपरोक्त सभी

20. विद्यालयीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में किसकी भागीदारी होनी चाहिए?

(a) अभिभावकों की

(b) समुदाय की

(c) (a) और (b) दोनों

(d) केवल शिक्षकों की

21. शिक्षक बच्चों को किसके बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं?

(a) स्वस्थ आदतों के बारे में

(b) पोषण के बारे में

(c) स्वच्छता के बारे में

(d) उपरोक्त सभी

22. शिक्षक बच्चों के लिए कैसे रोल मॉडल बन सकते हैं?

(a) स्वयं स्वस्थ आदतों को अपनाकर

(b) बच्चों को प्रोत्साहित करके

(c) बच्चों से संवाद करके

(d) उपरोक्त सभी

23. अभिभावक बच्चों को क्या प्रदान कर सकते हैं?

(a) पौष्टिक आहार

(b) नियमित व्यायाम के लिए प्रोत्साहन

(c) पर्याप्त नींद

(d) उपरोक्त सभी

24. अभिभावक बच्चों को किसके बारे में सिखा सकते हैं?

(a) स्वच्छता के बारे में

(b) अच्छे व्यवहार के बारे में

(c) सुरक्षा के बारे में

(d) उपरोक्त सभी

25. विद्यालयीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों का क्या उद्देश्य है?

(a) बच्चों को स्वस्थ रखना

(b) बच्चों को बेहतर सीखने में मदद करना

(c) बच्चों का सर्वांगीण विकास करना

(d) उपरोक्त सभी

26. विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा का मुख्य उद्देश्य क्या है?

(a) बच्चों को बीमारियों के बारे में जानकारी देना

(b) बच्चों को स्वस्थ आदतें अपनाने के लिए प्रेरित करना

(c) बच्चों को डॉक्टर बनने के लिए प्रोत्साहित करना

(d) बच्चों को दवाइयों के बारे में जानकारी देना

27. विद्यालय में स्वास्थ्य जांच क्यों जरूरी है?

(a) बच्चों में बीमारियों का जल्द पता लगाने के लिए

(b) बच्चों को स्कूल से निकालने के लिए

(c) बच्चों को डराने के लिए

(d) बच्चों को परेशान करने के लिए

28. विद्यालय में स्वच्छता का क्या महत्व है?

(a) बीमारियों से बचाव के लिए

(b) स्कूल को सुंदर बनाने के लिए

(c) बच्चों को व्यस्त रखने के लिए

(d) शिक्षकों को खुश करने के लिए

29. विद्यालय में बच्चों को किस प्रकार का भोजन देना चाहिए?

(a) जंक फूड

(b) तला हुआ भोजन

(c) पौष्टिक आहार

(d) महंगा भोजन

30. विद्यालय में बच्चों को व्यायाम क्यों करवाना चाहिए?

(a) उन्हें थकाने के लिए

(b) उन्हें शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए

(c) उन्हें अनुशासित बनाने के लिए

(d) उन्हें समय बर्बाद करने से रोकने के लिए

31. विद्यालय में बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में क्यों जानकारी देनी चाहिए?

(a) उन्हें पागल बनाने के लिए

(b) उन्हें तनाव से मुक्त रखने के लिए

(c) उन्हें डराने के लिए

(d) उन्हें कमजोर बनाने के लिए

32. विद्यालय में बच्चों को यौन शिक्षा क्यों देनी चाहिए?

(a) उन्हें गलत रास्ते पर ले जाने के लिए

(b) उन्हें यौन शोषण से बचाने के लिए

(c) उन्हें शर्मिंदा करने के लिए

(d) उन्हें बड़ा दिखाने के लिए

33. विद्यालय में बच्चों को नशे से दूर रहने के लिए क्यों प्रेरित करना चाहिए?

(a) उन्हें कमजोर बनाने के लिए

(b) उन्हें बीमार बनाने के लिए

(c) उनका भविष्य बर्बाद करने से बचाने के लिए

(d) उन्हें बोर करने के लिए

34. विद्यालय में बच्चों को प्राथमिक उपचार के बारे में क्यों जानकारी देनी चाहिए?

(a) उन्हें डॉक्टर बनाने के लिए

(b) आपात स्थिति में उनकी मदद करने के लिए

(c) उन्हें समय बर्बाद करने से रोकने के लिए

(d) उन्हें डराने के लिए

35. विद्यालय में बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के बारे में क्यों जानकारी देनी चाहिए?

(a) उन्हें बोर करने के लिए

(b) उन्हें पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने के लिए

(c) उन्हें समय बर्बाद करने से रोकने के लिए

(d) उन्हें डराने के लिए

36. विद्यालय में बच्चों को यातायात नियमों के बारे में क्यों जानकारी देनी चाहिए?

(a) उन्हें ड्राइवर बनाने के लिए

(b) उन्हें सड़क दुर्घटनाओं से बचाने के लिए

(c) उन्हें समय बर्बाद करने से रोकने के लिए

(d) उन्हें डराने के लिए

37. विद्यालय में बच्चों को आपदा प्रबंधन के बारे में क्यों जानकारी देनी चाहिए?

(a) उन्हें डराने के लिए

(b) आपात स्थिति में उनकी मदद करने के लिए

(c) उन्हें समय बर्बाद करने से रोकने के लिए

(d) उन्हें बोर करने के लिए

38. विद्यालय में बच्चों को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए कौन प्रेरित कर सकता है?

(a) केवल शिक्षक

(b) केवल अभिभावक

(c) शिक्षक और अभिभावक दोनों

(d) कोई नहीं

39. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल कौन करता है?

(a) केवल शिक्षक

(b) केवल अभिभावक

(c) शिक्षक, अभिभावक और स्कूल नर्स

(d) कोई नहीं

40. विद्यालय में बच्चों को किस प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं?

(a) कुपोषण

(b) एनीमिया

(c) दंत क्षय

(d) उपरोक्त सभी

41. विद्यालय में बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए क्या करना चाहिए?

(a) उन्हें स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना

(b) उन्हें पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना

(c) उन्हें व्यायाम करवाना

(d) उपरोक्त सभी

42. विद्यालय में बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए क्या करना चाहिए?

(a) उन्हें टीकाकरण करवाना

(b) उन्हें स्वच्छता के बारे में सिखाना

(c) उन्हें बीमारियों के बारे में जानकारी देना

(d) उपरोक्त सभी

43. विद्यालय में बच्चों को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए क्या करना चाहिए?

(a) उन्हें तनाव से मुक्त रखना

(b) उन्हें सकारात्मक सोच सिखाना

(c) उन्हें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करना

(d) उपरोक्त सभी

44. विद्यालय में बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए क्या करना चाहिए?

(a) उन्हें अच्छे और बुरे स्पर्श के बारे में सिखाना

(b) उन्हें किसी भी प्रकार की

(c) उन्हें मदद मांगने के लिए प्रोत्साहित करना

(d) उपरोक्त सभी

45. विद्यालय में बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए क्या करना चाहिए?

(a) उन्हें नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देना

(b) उन्हें नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करना

(c) उन्हें सकारात्मक गतिविधियों में शामिल करना

(d) उपरोक्त सभी

46. विद्यालय में बच्चों को प्राथमिक उपचार कैसे सिखाया जा सकता है?

(a) उन्हें किताबें पढ़ाकर

(b) उन्हें वीडियो दिखाकर

(c) उन्हें प्रैक्टिकल करके दिखाकर

(d) उपरोक्त सभी

47. विद्यालय में बच्चों को पर्यावरण संरक्षण कैसे सिखाया जा सकता है?

(a) उन्हें पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करके

(b) उन्हें पानी बचाने के लिए प्रेरित करके

(c) उन्हें कचरा प्रबंधन के बारे में सिखाकर

(d) उपरोक्त सभी

48. विद्यालय में बच्चों को यातायात नियम कैसे सिखाए जा सकते हैं?

(a) उन्हें सड़क सुरक्षा के बारे में जानकारी देकर

(b) उन्हें ट्रैफिक सिग्नल के बारे में सिखाकर

(c) उन्हें सड़क पर चलने के नियमों के बारे में सिखाकर

(d) उपरोक्त सभी

49. विद्यालय में बच्चों को आपदा प्रबंधन कैसे सिखाया जा सकता है?

(a) उन्हें आपदाओं के बारे में जानकारी देकर

(b) उन्हें आपात स्थिति में क्या करना चाहिए, इसके बारे में सिखाकर

(c) उन्हें मॉक ड्रिल करवाकर

(d) उपरोक्त सभी

50. विद्यालय में बच्चों को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए कौन से कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं?

(a) स्वास्थ्य जांच शिविर

(b) स्वास्थ्य शिक्षा कार्यशालाएं

(c) योग और व्यायाम कक्षाएं

(d) उपरोक्त सभी

51. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए सरकार क्या कर सकती है?

(a) स्कूलों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना

(b) स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रमों को बढ़ावा देना

(c) शिक्षकों को स्वास्थ्य शिक्षा का प्रशिक्षण देना

(d) उपरोक्त सभी

52. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए समुदाय क्या कर सकता है?

(a) स्कूलों को आर्थिक मदद देना

(b) स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लेना

(c) स्वास्थ्य कर्मचारियों को स्कूलों में भेजना

(d) उपरोक्त सभी

53. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में किसकी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है?

(a) शिक्षकों की

(b) अभिभावकों की

(c) सरकार की

(d) समुदाय की

54. विद्यालय में बच्चों को स्वस्थ आदतें सिखाने के लिए कौन सी विधियाँ अपनाई जा सकती हैं?

(a) कहानी सुनाना

(b) नाटक करवाना

(c) गीत गवाना

(d) उपरोक्त सभी

55. विद्यालय में बच्चों को पोषण के बारे में कैसे जानकारी दी जा सकती है?

(a) चार्ट और पोस्टर का उपयोग करके

(b) खेल और गतिविधियों के माध्यम से

(c) स्वस्थ भोजन प्रतियोगिता आयोजित करके

(d) उपरोक्त सभी

56. विद्यालय में बच्चों को व्यायाम के लिए कैसे प्रोत्साहित किया जा सकता है?

(a) उन्हें खेल के मैदान में ले जाकर

(b) उन्हें योग सिखाकर

(c) उन्हें खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित करके

(d) उपरोक्त सभी

57. विद्यालय में बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में कैसे जानकारी दी जा सकती है?

(a) उन्हें कहानियाँ सुनाकर

(b) उन्हें फिल्म दिखाकर

(c) उन्हें विशेषज्ञों से बात करवाकर

(d) उपरोक्त सभी

58. विद्यालय में बच्चों को यौन शोषण से कैसे बचाया जा सकता है?

(a) उन्हें अच्छे और बुरे स्पर्श के बारे में सिखाकर

(b) उन्हें सुरक्षा नियमों के बारे में जानकारी देकर

(c) उन्हें मदद मांगने के लिए प्रोत्साहित करके

(d) उपरोक्त सभी

59. विद्यालय में बच्चों को नशे से कैसे दूर रखा जा सकता है?

(a) उन्हें नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देकर

(b) उन्हें नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करके

(c) उन्हें सकारात्मक गतिविधियों में शामिल करके

(d) उपरोक्त सभी

60. विद्यालय में बच्चों को प्राथमिक उपचार कैसे सिखाया जा सकता है?

(a) उन्हें किताबें पढ़ाकर

(b) उन्हें वीडियो दिखाकर

(c) उन्हें प्रैक्टिकल करके दिखाकर

(d) उपरोक्त सभी

61. विद्यालय में बच्चों को पर्यावरण संरक्षण कैसे सिखाया जा सकता है?

(a) उन्हें पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करके

(b) उन्हें पानी बचाने के लिए प्रेरित करके

(c) उन्हें कचरा प्रबंधन के बारे में सिखाकर

(d) उपरोक्त सभी

62. विद्यालय में बच्चों को यातायात नियम कैसे सिखाए जा सकते हैं?

(a) उन्हें सड़क सुरक्षा के बारे में जानकारी देकर

(b) उन्हें ट्रैफिक सिग्नल के बारे में सिखाकर

(c) उन्हें सड़क पर चलने के नियमों के बारे में सिखाकर

(d) उपरोक्त सभी

63. विद्यालय में बच्चों को आपदा प्रबंधन कैसे सिखाया जा सकता है?

(a) उन्हें आपदाओं के बारे में जानकारी देकर

(b) उन्हें आपात स्थिति में क्या करना चाहिए, इसके बारे में सिखाकर

(c) उन्हें मॉक ड्रिल करवाकर

(d) उपरोक्त सभी

64. विद्यालय में बच्चों को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए कौन से कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं?

(a) स्वास्थ्य जांच शिविर

(b) स्वास्थ्य शिक्षा कार्यशालाएं

(c) योग और व्यायाम कक्षाएं

(d) उपरोक्त सभी

65. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए सरकार क्या कर सकती है?

(a) स्कूलों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना

(b) स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रमों को बढ़ावा देना

(c) शिक्षकों को स्वास्थ्य शिक्षा का प्रशिक्षण देना

(d) उपरोक्त सभी

66. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए समुदाय क्या कर सकता है?

(a) स्कूलों को आर्थिक मदद देना

(b) स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों में भाग लेना

(c) स्वास्थ्य कर्मचारियों को स्कूलों में भेजना

(d) उपरोक्त सभी

67. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में किसकी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है?

(a) शिक्षकों की

(b) अभिभावकों की

(c) सरकार की

(d) समुदाय की

68. विद्यालय में बच्चों को स्वस्थ आदतें सिखाने के लिए कौन सी विधियाँ अपनाई जा सकती हैं?

(a) कहानी सुनाना

(b) नाटक करवाना

(c) गीत गवाना

(d) उपरोक्त सभी

69. विद्यालय में बच्चों को पोषण के बारे में कैसे जानकारी दी जा सकती है?

(a) चार्ट और पोस्टर का उपयोग करके

(b) खेल और गतिविधियों के माध्यम से

(c) स्वस्थ भोजन प्रतियोगिता आयोजित करके

(d) उपरोक्त सभी

70. विद्यालय में बच्चों को व्यायाम के लिए कैसे प्रोत्साहित किया जा सकता है?

(a) उन्हें खेल के मैदान में ले जाकर

(b) उन्हें योग सिखाकर

(c) उन्हें खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित करके

(d) उपरोक्त सभी

71. विद्यालय में बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में कैसे जानकारी दी जा सकती है?

(a) उन्हें कहानियाँ सुनाकर

(b) उन्हें फिल्म दिखाकर

(c) उन्हें विशेषज्ञों से बात करवाकर

(d) उपरोक्त सभी

72. विद्यालय में बच्चों को यौन शोषण से कैसे बचाया जा सकता है?

(a) उन्हें अच्छे और बुरे स्पर्श के बारे में सिखाकर

(b) उन्हें सुरक्षा नियमों के बारे में जानकारी देकर

(c) उन्हें मदद मांगने के लिए प्रोत्साहित करके

(d) उपरोक्त सभी

73. विद्यालय में बच्चों को नशे से कैसे दूर रखा जा सकता है?

(a) उन्हें नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देकर

(b) उन्हें नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करके

(c) उन्हें सकारात्मक गतिविधियों में शामिल करके

(d) उपरोक्त सभी

74. विद्यालय में बच्चों को किन बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण करवाना चाहिए?

(a) खसरा

(b) पोलियो

(c) टिटनेस

(d) उपरोक्त सभी

75. विद्यालय में बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं?

(a) स्वच्छता का ध्यान रखना

(b) पौष्टिक आहार देना

(c) नियमित व्यायाम करवाना

(d) उपरोक्त सभी

76. विद्यालय में बच्चों को किन आदतों से दूर रहना चाहिए?

(a) जंक फूड खाने से

(b) अधिक देर तक टीवी देखने से

(c) देर रात तक जागने से

(d) उपरोक्त सभी

77. विद्यालय में बच्चों को किन आदतों को अपनाना चाहिए?

(a) सुबह जल्दी उठना

(b) नियमित रूप से व्यायाम करना

(c) पौष्टिक आहार खाना

(d) उपरोक्त सभी

78. विद्यालय में बच्चों को स्वस्थ रहने के लिए क्या-क्या करना चाहिए?

(a) नियमित रूप से हाथ धोना

(b) साफ पानी पीना

(c) स्वच्छ भोजन खाना

(d) उपरोक्त सभी

79. विद्यालय में बच्चों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

(a) अपने आस-पास सफाई रखना

(b) बीमार होने पर डॉक्टर से सलाह लेना

(c) दूसरों को बीमार होने से बचाने के लिए सावधानी बरतना

(d) उपरोक्त सभी

80. विद्यालय में बच्चों को स्वस्थ रखने में किसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है?

(a) शिक्षकों की

(b) अभिभावकों की

(c) स्कूल नर्स की

(d) उपरोक्त सभी

81. विद्यालय में बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए कौन से कार्यक्रम चलाए जा सकते हैं?

(a) स्वास्थ्य जांच शिविर

(b) स्वास्थ्य शिक्षा कार्यशालाएं

(c) योग और व्यायाम कक्षाएं

(d) उपरोक्त सभी

82. विद्यालय में बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए कौन सी सुविधाएं होनी चाहिए?

(a) स्वच्छ शौचालय

(b) पीने का साफ पानी

(c) प्राथमिक उपचार किट

(d) उपरोक्त सभी

83. विद्यालय में बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए कौन सी नीतियां बनाई जा सकती हैं?

(a) स्वास्थ्य जांच नीति

(b) स्वच्छता नीति

(c) पोषण नीति

(d) उपरोक्त सभी

84. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं?

(a) पारिवारिक वातावरण

(b) सामाजिक वातावरण

(c) आर्थिक स्थिति

(d) उपरोक्त सभी

85. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को कैसे मापा जा सकता है?

(a) उनकी ऊंचाई और वजन से

(b) उनके शारीरिक परीक्षण से

(c) उनके स्वास्थ्य रिकॉर्ड से

(d) उपरोक्त सभी

86. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए क्या किया जा सकता है?

(a) स्वास्थ्य शिक्षा को बढ़ावा देना

(b) स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना

(c) स्वस्थ वातावरण बनाना

(d) उपरोक्त सभी

87. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कौन जिम्मेदार है?

(a) केवल शिक्षक

(b) केवल अभिभावक

(c) शिक्षक, अभिभावक और सरकार

(d) कोई नहीं

88. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए क्या जरूरी है?

(a) सभी की भागीदारी

(b) जागरूकता

(c) संसाधन

(d) उपरोक्त सभी

89. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए क्या चुनौतियां हैं?

(a) संसाधनों की कमी

(b) जागरूकता की कमी

(c) शिक्षकों का प्रशिक्षण

(d) उपरोक्त सभी

90. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए क्या अवसर हैं?

(a) सरकारी कार्यक्रम

(b) गैर-सरकारी संगठन

(c) समुदाय की भागीदारी

(d) उपरोक्त सभी

91. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए क्या रणनीतियां अपनाई जा सकती हैं?

(a) स्वास्थ्य शिक्षा को बढ़ावा देना

(b) स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना

(c) स्वस्थ वातावरण बनाना

(d) उपरोक्त सभी

92. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए क्या लक्ष्य होने चाहिए?

(a) सभी बच्चों को स्वस्थ रखना

(b) बच्चों में स्वस्थ आदतें विकसित करना

(c) बच्चों को बीमारियों से बचाना

(d) उपरोक्त सभी

93. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए क्या संकेतक हो सकते हैं?

(a) बच्चों की उपस्थिति

(b) बच्चों का वजन और ऊंचाई

(c) बच्चों में बीमारियों की संख्या

(d) उपरोक्त सभी

94. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए क्या मूल्यांकन किया जा सकता है?

(a) स्वास्थ्य कार्यक्रमों का मूल्यांकन

(b) स्वास्थ्य सेवाओं का मूल्यांकन

(c) स्वास्थ्य शिक्षा का मूल्यांकन

(d) उपरोक्त सभी

95. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए क्या सुझाव दिए जा सकते हैं?

(a) स्वास्थ्य शिक्षा को बढ़ावा देना

(b) स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना

(c) स्वस्थ वातावरण बनाना

(d) उपरोक्त सभी

96. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए क्या निष्कर्ष निकाला जा सकता है?

(a) विद्यालयीय स्वास्थ्य बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए जरूरी है।

(b) स्वस्थ बच्चे बेहतर सीखते हैं और बेहतर प्रदर्शन करते हैं।

(c) विद्यालयीय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए।

(d) उपरोक्त सभी

97. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए क्या सिफारिशें की जा सकती हैं?

(a) स्वास्थ्य शिक्षा को बढ़ावा देना

(b) स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना

(c) स्वस्थ वातावरण बनाना

(d) उपरोक्त सभी

98. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए क्या भविष्य की योजनाएं हो सकती हैं?

(a) स्वास्थ्य कार्यक्रमों का विस्तार करना

(b) स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाना

(c) नए स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू करना

(d) उपरोक्त सभी

99. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए क्या शोध किए जा सकते हैं?

(a) विद्यालयीय स्वास्थ्य समस्याओं पर शोध

(b) स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभाव पर शोध

(c) स्वास्थ्य शिक्षा के प्रभाव पर शोध

(d) उपरोक्त सभी

100. विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए क्या नीतियां बनाई जा सकती हैं?

(a) स्वास्थ्य जांच नीति

(b) स्वच्छता नीति

(c) पोषण नीति

(d) उपरोक्त सभी

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