अजंता एवं एलोरा (महाराष्ट्र): प्रागैतिहासिक कला का अद्भुत खजाना
महाराष्ट्र के हृदय में स्थित, अजंता और एलोरा की गुफाएँ भारतीय कला, संस्कृति और इतिहास का एक अमूल्य खजाना हैं। ये प्राचीन गुफाएँ न केवल शिल्प और स्थापत्य कौशल का अद्भुत नमूना हैं, बल्कि उस समय के धार्मिक और सामाजिक जीवन का भी जीवंत चित्रण प्रस्तुत करती हैं।

खोज और संस्थापक:
- अजंता: अजंता की गुफाओं का निर्माण दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर छठी शताब्दी ईस्वी तक के कालखंड में हुआ। इन गुफाओं का निर्माण मुख्यतः सातवाहन और वाकाटक राजवंशों के शासनकाल में हुआ था, हालाँकि इनके निर्माण में कई अन्य राजवंशों और शासकों का भी योगदान रहा। इन गुफाओं का “पुनर्खोज” 1819 में एक ब्रिटिश सैन्य अधिकारी, जॉन स्मिथ द्वारा किया गया था, जो शिकार करते समय अचानक इन गुफाओं में पहुँच गए थे।
- एलोरा: एलोरा की गुफाओं का निर्माण चौथी शताब्दी ईस्वी से लेकर बारहवीं शताब्दी ईस्वी तक के कालखंड में हुआ। इनका निर्माण मुख्यतः कलचुरी राजवंश, राष्ट्रकूट राजवंश और यादव राजवंश के शासनकाल में हुआ था। एलोरा की गुफाएँ अजंता की तरह गुमनामी में नहीं रहीं, और इनका उल्लेख ऐतिहासिक ग्रंथों में मिलता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अजंता और एलोरा जैसी गुफाओं के लिए “संस्थापक” शब्द का प्रयोग उचित नहीं है, क्योंकि इनके निर्माण में कई राजवंशों, शासकों, कलाकारों और शिल्पकारों का योगदान रहा।
इतिहास:
- अजंता: अजंता की गुफाएँ मुख्यतः बौद्ध धर्म से संबंधित हैं। ये गुफाएँ चैत्य (प्रार्थना हॉल) और विहार (भिक्षुओं के निवास स्थान) के रूप में उपयोग की जाती थीं। यहाँ की भित्तिचित्रों में जातक कथाओं, बुद्ध के जीवन की घटनाओं और बौद्ध धर्म के सिद्धांतों का चित्रण है। इन चित्रों में प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया गया है, जो आज भी अपनी चमक बनाए हुए हैं। अजंता की कला भारतीय, ईरानी और यूनानी कला का मिश्रण है।
- एलोरा: एलोरा में बौद्ध, हिंदू और जैन धर्मों से संबंधित गुफाएँ हैं, जो भारतीय धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक हैं। यहाँ 12 बौद्ध गुफाएँ, 17 हिंदू गुफाएँ और 5 जैन गुफाएँ हैं। एलोरा का कैलाश मंदिर (गुफा संख्या 16), दुनिया की सबसे बड़ी एकल शिलाखंड संरचना है, जो भगवान शिव को समर्पित है। इसका निर्माण राष्ट्रकूट राजवंश के शासक कृष्ण प्रथम ने करवाया था। एलोरा की मूर्तिकला भारतीय शिल्पकला का उत्कृष्ट उदाहरण है।
शैलचित्र:
अजंता और एलोरा की गुफाओं में शैलचित्र भारतीय कला का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
- अजंता: अजंता की भित्तिचित्रों में मानव आकृतियों, पशु-पक्षियों, फूल-पत्तियों और ज्यामितीय आकृतियों का सुंदर चित्रण है। इन चित्रों में रंगों का कुशल प्रयोग किया गया है, जो इन चित्रों को जीवंत बनाता है।
- एलोरा: एलोरा की गुफाओं में भी शैलचित्र मौजूद हैं, हालांकि यहाँ की मूर्तिकला अधिक प्रसिद्ध है। यहाँ की मूर्तियों में विभिन्न देवी-देवताओं और तीर्थंकरों का चित्रण है, जो अपनी बारीकी और सौंदर्य के लिए जाने जाते हैं।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य:
- यूनेस्को की विश्व धरोहर: अजंता और एलोरा दोनों ही यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं।
- पर्यटन स्थल: ये गुफाएँ प्रमुख पर्यटन स्थल हैं, जो देश-विदेश से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
- अध्ययन और संरक्षण: इन गुफाओं का अध्ययन भारतीय इतिहास, धर्म और कला को समझने के लिए आवश्यक है। इनके संरक्षण के लिए सरकार और विभिन्न संस्थाएँ प्रयास कर रही हैं।